Friday, January 2, 2009

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मैंने दिल से कहा


मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी

न समझ लाया गम, तो यह गम ही सही

मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी

नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही

मैंने दिल से कहा ढूँढ लाना ख़ुशी

बेचारा कहाँ जानता था

खलिश है यह क्या खला है

शहर भर की ख़ुशी से

यह दर्द मेरा भला है

जश्न यह राज़ न आये

मज़ा तोह बस गम मैं आया है

मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी

नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही

कभी है इश्क का उजाला

कभी है मौत का अँधेरा

बताओ कौन बेस होगा

मैं जोगी बनू या लुटेरा

कई चेहरे है इस दिल के

नजाने कौनसा मेरा

मैंने दिल से कहा ढूँढ लाना ख़ुशी

न समझ लाया गम, तो यह गम ही सही

हजारों आइस फासले थे

जो तै करने चले ठेराहे मगर चल पड़ी थी

और पीछे हम रह गए थे कदम

दो चार चल पाए

किये फेरे तेरे मनन के

मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी

न समझ लाया गम, तो यह गम ही सही

मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी

नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही...

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